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नए साल से पहले पीएम मोदी का भरोसा: ‘ईज ऑफ लिविंग’ को और मजबूत करेगी सरकार, टैक्स और श्रम सुधारों पर जोर

Published on: December 28, 2025
PM Modi before the new year

द देवरिया न्यूज़,नई दिल्ली : नए साल से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार लोगों की जिंदगी को आसान बनाने यानी ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर और अधिक तेजी से काम करेगी। शुक्रवार को पीएम मोदी ने कहा कि 2025 में सरकार ने टैक्स कानूनों को सरल किया, विवाद निपटान की प्रक्रिया तेज की, श्रमिकों के लिए नए नियम लागू किए और अनुपालन (Compliance) को आसान बनाया है।

प्रधानमंत्री शनिवार और रविवार को राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ होने वाले पांचवें राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर सुधारों को लेकर एक सिलसिलेवार पोस्ट साझा करते हुए कहा कि सरकार आने वाले समय में और अधिक ऊर्जा के साथ सुधारों को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने लिखा, “हमारी सरकार ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह थ्रेड दिखाता है कि हमने इस दिशा में कैसे ठोस कदम उठाए हैं। आगे भी सुधारों की रफ्तार और तेज होगी।”

सुधारों का असर जमीन पर दिखा

पीएम मोदी द्वारा टैग किए गए MyGovIndia अकाउंट के अनुसार, सुधारों की असली पहचान यही है कि वे आम लोगों का तनाव कम करें। इस साल शासन व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिला, जहां नीतियों का फोकस प्रक्रियाओं की जटिलता नहीं, बल्कि परिणामों पर रहा। आसान टैक्स कानून, विवादों का त्वरित समाधान, आधुनिक श्रम संहिताएं और गैर-आपराधिक अनुपालन ने नागरिकों और कारोबारियों दोनों की मुश्किलें कम की हैं।

12 लाख तक की आय पर शून्य टैक्स

सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री कर दिया है। इससे मध्यम वर्ग को बचत, खर्च और निवेश के लिए अधिक अवसर मिले हैं। आयकर अधिनियम, 2025 के तहत टैक्स प्रणाली को अधिक पारदर्शी और करदाता-अनुकूल बनाया गया है।

MSME और रोजगार को बढ़ावा

सरकार का कहना है कि निवेश और टर्नओवर की बढ़ी हुई सीमाओं से छोटे व्यवसायों को विस्तार का मौका मिला है, बिना किसी टैक्स या लाभ छूट खोने के डर के। इससे रोजगार सृजन और स्थानीय उद्यमों को मजबूती मिल रही है। वहीं ग्रामीण रोजगार योजनाओं के विस्तार के साथ गांवों में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है, जिससे स्थायी संपत्तियों का सृजन हो रहा है।

श्रम कानूनों में बड़ा बदलाव

सरकार ने 29 श्रम कानूनों को घटाकर चार सरल श्रम संहिताओं में समाहित कर दिया है। इनमें मजदूरी, कार्यस्थल सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। इससे श्रमिकों और नियोक्ताओं दोनों को नियमों की जटिलता से राहत मिली है। कुल मिलाकर सरकार का दावा है कि इन सुधारों से न केवल शासन व्यवस्था मजबूत हुई है, बल्कि आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी पहले से ज्यादा आसान हुई है।


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