द देवरिया न्यूज़,लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्राह्मण विधायकों की प्रस्तावित बैठक को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने जहां बैठक का खुलकर समर्थन किया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी के हाईकमान और प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पार्टी नेताओं को सख्त संदेश दिया है।
शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा कि ब्राह्मण विधायकों को बैठक करने का पूरा लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि किसी समाज के लोग अगर आपस में बैठकर संवाद करते हैं या अपने मुद्दों पर चर्चा करते हैं, तो इसे गलत ठहराना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। इसमें न तो कुछ गैरकानूनी है और न ही आपत्तिजनक।
माता प्रसाद पांडे ने आरोप लगाया कि बीजेपी इस बैठक से घबरा गई है और इसी वजह से दबाव की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज ने देश और प्रदेश के राजनीतिक व सामाजिक जीवन में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। ऐसे में विधायकों का विचार-विमर्श करना स्वाभाविक है। नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि भाजपा का सामाजिक समर्थन आधार धीरे-धीरे खिसक रहा है और पार्टी को डर है कि यदि ब्राह्मण समाज नाराज हुआ तो सत्ता की स्थिरता पर असर पड़ेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की राजनीति अब संवाद के बजाय नियंत्रण और भय पर आधारित हो गई है। जो वर्ग अपने सम्मान और अधिकारों की बात करता है, उसकी आवाज दबाने की कोशिश की जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अन्य समाजों की बैठकें होती हैं, तब विवाद क्यों नहीं होता, लेकिन ब्राह्मण समाज की बैठक को लेकर इतना हंगामा क्यों खड़ा किया जा रहा है। माता प्रसाद पांडे ने स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी हर वर्ग को संगठित होने और अपनी बात रखने का अधिकार देने में विश्वास रखती है।
दूसरी ओर, ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर भाजपा हाईकमान ने सख्त नाराजगी जताई है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने पार्टी नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा किसी जाति, वर्ग या परिवार के नाम पर राजनीति नहीं करती। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई नेता इस तरह की नकारात्मक या जातिगत राजनीति में शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पंकज चौधरी ने कहा कि भाजपा विकास और राष्ट्रवाद की राजनीति करती है, जबकि विपक्ष आज भी जाति आधारित राजनीति में उलझा हुआ है। उन्होंने दावा किया कि बदलते राजनीतिक माहौल में जाति की राजनीति करने वाली पार्टियों का भविष्य कमजोर होता जा रहा है और इसी हताशा में वे भाजपा पर बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं।
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