द देवरिया न्यूज़,नई दिल्ली/ढाका: पिछले साल जुलाई–अगस्त में बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद एक बार फिर हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में तनाव और कड़वाहट बढ़ गई है। बांग्लादेश में यह अफवाह फैलाई जा रही है कि हादी की गोली मारकर हत्या करने वाले लोग भारत में छिपे हुए हैं। इसी बीच, हालात और बिगड़ते हुए बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बर्बर हत्या कर दी गई। इन घटनाओं के बाद दोनों देशों के बीच वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।
856 किलोमीटर खुली सीमा बनी बड़ी चुनौती
भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की कुल लंबाई 4096.70 किलोमीटर है। इसमें से
3239.92 किमी (79.08%) हिस्से पर बाड़ लग चुकी है
जबकि 856.78 किमी (20.92%) सीमा अब भी बिना बाड़ की है
यही खुला इलाका घुसपैठ, तस्करी और अवैध गतिविधियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।
11 साल में घुसपैठ के 8632 प्रयास, 21,407 घुसपैठिये गिरफ्तार
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2024 के बीच भारत में घुसपैठ के
8632 प्रयास किए गए
इनमें 21,407 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया
केवल 2024 में ही 2525 घुसपैठिये पकड़े गए हैं।
सालवार आंकड़े (2014–2024)
| वर्ष | घुसपैठ के प्रयास | गिरफ्तार |
|---|---|---|
| 2014 | 855 | 2160 |
| 2015 | 874 | 2809 |
| 2016 | 654 | 1601 |
| 2017 | 456 | 907 |
| 2018 | 420 | 884 |
| 2019 | 500 | 1109 |
| 2020 | 486 | 955 |
| 2021 | 703 | 1208 |
| 2022 | 857 | 2076 |
| 2023 | 746 | 2617 |
| 2024 | 977 | 2525 |
2025 में भी नहीं थमी घुसपैठ
जनवरी से नवंबर 2025 तक
1104 घुसपैठ प्रयास
2556 घुसपैठिये गिरफ्तार किए गए
यह साफ संकेत है कि हालिया तनाव के बीच सीमा पर दबाव और बढ़ गया है।
घर, गली और मस्जिद के बीच से गुजरती है सीमा रेखा
भारत-बांग्लादेश सीमा के कई हिस्से ऐसे हैं, जहां अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा (IB)
घरों
गलियों
खेतों
तालाबों
के बीच से होकर गुजरती है।
कुछ घरों में एक कमरा भारत में तो दूसरा बांग्लादेश में है। कहीं दरवाजा भारत में खुलता है तो किचन बांग्लादेश में है। कई जगहों पर महज 2–3 फुट चौड़ी गली के बीचोंबीच सीमा रेखा खिंची है, जहां चलते समय एक पैर भारत और दूसरा बांग्लादेश में पड़ता है।
जिगजैग बॉर्डर और सघन आबादी, बीएसएफ के लिए बड़ी चुनौती
पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर और बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के सीमावर्ती गांवों में सीमा रेखा जिगजैग आकार में खींची गई है।
खेतों की सिंचाई का पानी
पशु
फसल
अक्सर अनजाने में सीमा पार कर जाते हैं।
यहां एक मस्जिद भी है, जिसका आधा हिस्सा भारत और आधा बांग्लादेश में है, जहां दोनों देशों के लोग नमाज पढ़ने आते हैं।
तस्कर उठा रहे हैं दो-दरवाजों वाले घरों का फायदा
कई मकानों के
आगे का दरवाजा भारत
पीछे का दरवाजा बांग्लादेश
में खुलता है। तस्कर और संदिग्ध लोग इसी का फायदा उठाकर
बीएसएफ से बचने के लिए सीमा पार हो जाते हैं
या प्रतिबंधित सामान गली के उस पार फेंक देते हैं
ऐसी स्थिति में बीएसएफ केवल चेतावनी या निगरानी तक सीमित रह जाती है।
हाई अलर्ट पर बीएसएफ, ग्रामीण बने इंटेलिजेंस की रीढ़
बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
बीएसएफ लगातार गश्त कर रही है
रॉ और अन्य खुफिया एजेंसियां सक्रिय हैं
स्थानीय ग्रामीण बीएसएफ के लिए सबसे अहम इंटेलिजेंस सोर्स बने हुए हैं
जैसे ही कोई संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि नजर आती है, उसकी सूचना तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को दी जाती है।
बढ़ता तनाव, खुली सीमा और सुरक्षा की चुनौती
बांग्लादेश में हिंसा, अल्पसंख्यकों पर हमले और राजनीतिक अस्थिरता के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। खुली सीमा, सघन आबादी और जिगजैग अंतरराष्ट्रीय रेखा के कारण बीएसएफ को हर पल चौकसी बरतनी पड़ रही है।
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