द देवरिया न्यूज़ : महिला कल्याण विभाग द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य और अधिकारों को लेकर चलाई जा रही योजनाओं के तहत मंगलवार को बरहज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, एएनएम और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने भाग लिया। आयोजन का उद्देश्य सुरक्षित मातृत्व सेवाओं को बढ़ावा देना और लिंग आधारित भेदभाव को रोकने के लिए सभी हितधारकों को प्रशिक्षित करना था।
भ्रूण लिंग परीक्षण पर कड़ा संदेश
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता और जेंडर स्पेशलिस्ट मंशा सिंह ने PCPNDT (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) एक्ट की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भ्रूण लिंग परीक्षण न केवल एक गंभीर कानूनी अपराध है, बल्कि यह समाज में लिंग असमानता की जड़ भी है। उन्होंने बताया कि सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों की निगरानी की जाती है और कानून के उल्लंघन पर कठोर दंड का प्रावधान है।
संस्थानिक प्रसव और समन्वय की आवश्यकता
वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक नीतू भारती ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संस्थानिक प्रसव को बढ़ावा देना सुरक्षित मातृत्व का एक अहम पहलू है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और महिला कल्याण विभाग के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि महिलाओं को समय पर सही सेवाएं मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जन-जागरूकता बढ़ाकर ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
सामाजिक सोच में बदलाव की जरूरत: मनोवैज्ञानिक मीनू जायसवाल
मनोवैज्ञानिक मीनू जायसवाल ने लिंग चयन पर रोक और बेटियों को समान अवसर देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बेटियों के सम्मान और सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल किसी एक संस्था की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। अगर समाज में बेटियों को बराबरी का दर्जा नहीं मिलेगा, तो विकास अधूरा रह जाएगा।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संकल्प
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का संकल्प लिया। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर इस अभियान को आगे बढ़ाने, भ्रूण लिंग परीक्षण जैसी कुप्रथाओं को जड़ से खत्म करने और महिलाओं को अधिकारों के प्रति जागरूक करने का वचन दिया।
यह कार्यक्रम न केवल कानून की जानकारी देने के लिए महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इसमें समाज के हर स्तर तक सकारात्मक सोच और महिला सशक्तिकरण का संदेश देने का प्रयास किया गया।
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