जम्मू-कश्मीर की चेनाब घाटी (Chenab Valley) में चल रहे आतंकवाद-रोधी अभियान के दौरान भारतीय सेना के दो पैराकमांडो (Para Commandos) लापता हो गए हैं। सेना ने बुधवार (8 अक्टूबर 2025) को बताया कि ये दोनों जवान किश्तवाड़-कोकरनाग पर्वत श्रृंखला में 6-7 अक्टूबर की रात चल रहे अभियान में शामिल थे, जब अचानक भीषण बर्फ़ीला तूफ़ान और “व्हाइट-आउट” स्थिति बन गई।
भारतीय सेना के प्रवक्ता के अनुसार, “ऑपरेशन के दौरान दो सैनिकों से संपर्क टूट गया। वर्तमान में तीव्र सर्च और रेस्क्यू अभियान जारी है, लेकिन खराब मौसम की वजह से बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।”
🔹 किश्तवाड़ और कोकरनाग दोनों ओर से खोज अभियान
अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ (जम्मू डिवीजन) और कोकरनाग (कश्मीर डिवीजन) दोनों ओर से पहाड़ों की ढलानों पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
पिछले तीन दिनों में दक्षिण कश्मीर की पर्वत श्रेणियों में छह से आठ इंच तक बर्फ़बारी हुई है, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई है और ऑपरेशन कठिन हो गया है।
सुरक्षा बलों ने बताया कि वे सभी संभावित कोणों से जांच कर रहे हैं और घने जंगलों और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों में कई दिशाओं से अभियान चला रहे हैं। हालांकि, बुधवार शाम तक किसी भी सैनिक से संपर्क स्थापित नहीं हो सका था।
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🔹 पिछले वर्षों में बढ़ी आतंकवादी गतिविधियाँ
रक्षा सूत्रों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकियों की मौजूदगी बढ़ने से सुरक्षा बलों को इन कठिन इलाकों में लगातार गश्त और ऑपरेशन करने पड़ रहे हैं — खासकर कश्मीर घाटी, चेनाब घाटी और पीर पंजाल रेंज में।
साल 2024 में जम्मू डिवीजन में लगभग 30 ऑपरेशनों के दौरान 18 सुरक्षा कर्मी और 13 आतंकी मारे गए थे।
उधमपुर, रियासी, डोडा और किश्तवाड़ जिलों में आतंकी गतिविधियाँ विशेष रूप से बढ़ी थीं।
🔹 राजौरी में मुठभेड़, गोलीबारी जारी
इस बीच, पीर पंजाल घाटी के राजौरी जिले के कंडी क्षेत्र के बीरंथुब इलाके में बुधवार (8 अक्टूबर) को आतंकियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के बीच मुठभेड़ हुई।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि “पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमें इलाके में पहुंच चुकी हैं और इलाके को घेर लिया गया है।”
हालांकि अब तक किसी आतंकी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है।
अधिकारियों ने कहा कि “ऑपरेशन अभी भी जारी है और क्षेत्र की सघन तलाशी ली जा रही है।”
🔹 सेना की प्राथमिकता: लापता जवानों को सुरक्षित खोज निकालना
सेना के सूत्रों ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
विशेष पर्वतीय दलों के साथ ड्रोन और थर्मल इमेजिंग तकनीक का उपयोग करते हुए लापता सैनिकों की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है।
फिलहाल, मौसम में सुधार की उम्मीद के साथ ऑपरेशन अगले 24 घंटे तक जारी रहने की संभावना है।
निष्कर्ष:
किश्तवाड़-कोकरनाग की ऊँचाई वाली बर्फ़ीली पहाड़ियों में दो पैराकमांडो का लापता होना सुरक्षा बलों के सामने नई चुनौती बन गया है।
खराब मौसम और लगातार बर्फबारी के बावजूद सेना ने अपने जवानों की तलाश में जमीन और आसमान दोनों से व्यापक ऑपरेशन शुरू किया है।
पूरे इलाके में सुरक्षा बलों की चौकसी बढ़ा दी गई है और स्थानीय प्रशासन को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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