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गला रेतकर बच्चे की दी बलि, देवरिया में तंत्र-मंत्र के आरोप में कॉन्स्टेबल गिरफ्तार

Published on: August 3, 2025
slitting the throat of a child
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द देवरिया न्यूज़ : उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में करीब साढ़े तीन महीने पहले घर से गायब हुए 9 साल के आरुष की हत्या तंत्र-मंत्र के चक्कर में की गई थी। आरुष के सगे फूफा ने ही तांत्रिक (सोखा) के कहने पर आरुष का अपहरण कर उसकी बलि दी थी। शनिवार को पुलिस ने इस घटना का खुलासा कर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। रिश्तेदारों द्वारा तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक मासूम की बलि देने का खुलासा होने के बाद लोग अवाक हैं। इस घटना में उत्तर प्रदेश पुलिस का एक कॉन्स्टेबल भी शामिल है।
अप्रैल में घर से गायब हुआ था आरुष
भलुअनी थाना क्षेत्र के पटखौली गांव निवासी सोमनाथ गोंड का 9 वर्षीय भतीजा आरुष 16 अप्रैल की शाम को घर से गायब हो गया था। काफी खोजने पर भी जब उसका सुराग नहीं लगा तो 17 अप्रैल को सोमनाथ ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बच्चों की बरामदगी के लिए पुलिस टीम गठित की गई, मगर कोई सुराग नहीं मिल पाया। जिसको लेकर पुलिस काफी दबाव में थी। जांच-पड़ताल के बाद पुलिस का शक उसके सगे रिश्तेदारों की तरफ गया तो पूरी घटना सामने आई गई।
तांत्रिक ने कहा- नर बलि से ही ठीक होगी बीमारी
बीते एक अगस्त को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मदनपुर थाना क्षेत्र के डुमरी गांव निवासी जयप्रकाश गोंड को गिरफ्तार किया। कड़ाई से पूछताछ करने पर जयप्रकाश ने बताया कि तांत्रिक के कहने पर हम लोगों ने आरुष का अपहरण कर उसकी बलि दी थी। पुलिस के मुताबिक, जयप्रकाश ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात उसके भांजे कॉन्स्टेबल इंद्रजीत पर देवी मां सवार रहती थी। जिसकी वजह से वह अक्सर बीमार रहता था। झाड़-फूंक के दौरान तांत्रिक ने बताया कि बच्चे की नर बलि देने के बाद ही इंद्रजीत की बीमारी ठीक हो सकती है।
रुपये के लालच में फूफा ने किया आरुष का अपहरण
इंद्रजीत ने यह बात गोरखपुर जिले के गगहा थाना क्षेत्र के गौर पार नवासी अपने साढू रमाशंकर को बताई और उससे नर बलि के लिए एक बच्चे की व्यवस्था करने को कहा। इंद्रजीत ने इसके लिए रमाशंकर को 50 हजार रुपये भी दिया। इंद्रजीत के कहने पर और रुपए के लालच में रमाशंकर अपने बड़े साले योगेश कुमार के बड़े लड़के आरुष गोंड (9) को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया और उसे इंद्रजीत के हवाले कर दिया।
पूजा पाठ करने के बाद गला रेत दी बलि
बच्चों की व्यवस्था होने के बाद इन्द्रजीत अपने मामा जयप्रकाश और अपनी मौसी के लड़के भीम के साथ आरुष को लेकर रात को देवरिया कोतवाली क्षेत्र के पिपरा चन्द्रभान पहुंचा। वहां सुनसान एक बगीचे में पूजा-पाठ कर चाकू से आरुष का गला रेतकर उसकी हत्या कर दी और शव को वहीं पर गाड़ दिया। बाद में बरामदगी के डर से शव को निकाल लिया और भीम गोंड के साथ मिलकर एक बोरे में रखकर पिकअप वाहन से बरहज स्थित सरयू नदी में फेंक दिया।
आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने इस घटना में शमिल आरुष के फूफा इंद्रजीत, रमाशंकर, जयप्रकाश और राम दुलारे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार और पिकअप वाहन भी बरामद कर लिया है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया आरुष के सगे रिश्तेदारों ने ही उसका अपहरण कर नर बलि के लिए उसकी हत्या की थी। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

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