नई दिल्ली — सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार व लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई उस याचिका पर आधारित है जो पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गितांजलि एंगमो ने दायर की है। उन्होंने अपने पति की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत को चुनौती दी है।
🧾 मामला: क्या कहा गया याचिका में?
गितांजलि एंगमो ने उच्चतम न्यायालय में हैबस कॉर्पस याचिका दायर की है और मांग की है कि सोनम वांगचुक को तुरन्त रिहा किया जाए।
याचिका में यह तर्क दिया गया है कि वांगचुक की हिरासत अनियमित, मनमानी और असंवैधानिक है। इसने उनके संविधानिक अधिकारों — विशेषकर अनुच्छेद 14, 19, 21 और 22 — का उल्लंघन किया है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि हिरासत के आदेश और उसके कारणों की जानकारी न केवल वांगचुक को, बल्कि उनकी पत्नी को भी दी जानी चाहिए, ताकि चुनौती दी जा सके।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि वांगचुक और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक संगठित, मिथ्या एवं नकारात्मक अभियान चलाया गया है, जिसमें उन्हें पाकिस्तान और चीन से जोड़ने की झूठी कथाएँ फैलाई गई हैं। इसका उद्देश्य उनके शांतिपूर्ण पर्यावरण आंदोलनों को बदनाम करना है।
⚖️ सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई
एक बेंच — जिसमें न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया शामिल हैं — ने केंद्र और लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी किया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 14 अक्टूबर 2025 निर्धारित की है।
अदालत ने यह प्रश्न भी उठाया कि अगर हिरासत के आदेश व कारण वांगचुक को दिए गए हैं, तो उन्हें उनकी पत्नी को क्यों नहीं दिए गए।
याचिका में पत्नी को वांगचुक से मिलने की अनुमति और हिरासत आदेशों की प्रति देने की मांग की गई है।
सरकार की ओर से प्रस्तुत वकील ने कहा कि हिरासत के कारण वांगचुक को पहले ही भेजे जा चुके हैं और उनके समर्थकों और परिवार को उनसे मिलने की अनुमति दी गई है।
बेंच ने कहा कि यदि पत्नी को आदेश कारण नहीं दिए गए हैं, तो वह प्रति क्यों नहीं दी जाए। न्यायालय ने इस पर विचार करने को कहा।
📌 पृष्ठभूमि
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को NSA की धारा 3(2) के तहत हिरासत में लिया गया था। यह हिरासत लद्दाख में राज्यपद और “छठवीं अनुसूची (Sixth Schedule)” की मांग के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद की गई, जिसमें चार लोग मारे गए थे।
प्रदर्शन और तनाव की घटना 24 सितंबर को हुई थी। उस हिंसा में कई लोग घायल भी हुए थे।
वांगचुक को बाद में राजस्थान के जोधपुर जेल में स्थानांतरित किया गया।
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि अधिकारी उनकी पत्नी को मूल हिरासत कारणों की प्रति नहीं दे रहे हैं जिससे उनके खिलाफ कानूनी चुनौती संभव नहीं हो पा रही।
याचिका में यह कहा गया कि लद्दाख प्रशासन और अन्य एजेंसियाँ लोकतांत्रिक विरोध और शांतिपूर्ण आंदोलन की आवाज़ को दबाने के लिए इस हिरासत का दुरुपयोग कर रही हैं।
➤ You May Also Like








































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































1 thought on “सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व लद्दाख प्रशासन को जारी किया नोटिस — सोनम वांगचुक की NSA हिरासत पर पत्नी की याचिका पर सुनवाई तय”