द देवरिया न्यूज़ , ( सज्जाद पप्पू ) : देवरिया जिले के मलसी खास गांव में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दशहरा के पावन पर्व पर माँ शेरा वाली क्लब द्वारा विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। परंपरा को निभाते हुए इस बार भी 108 कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया गया। साथ ही भव्य भंडारे का आयोजन कर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हो गया।
दशहरा पर कन्या पूजन की परंपरा
हिंदू धर्म में नवरात्र और दशहरा का विशेष महत्व है। इस दौरान शक्ति की उपासना की जाती है और कन्याओं को देवी का रूप मानकर पूजन कर भोजन कराने की परंपरा निभाई जाती है। मलसी खास में माँ शेरा वाली क्लब पिछले कई वर्षों से यह आयोजन करता आ रहा है। गांव और आस-पास के लोग इस अवसर का इंतजार करते हैं और पूरे उत्साह के साथ इसमें शामिल होते हैं।
108 कन्याओं को कराया गया भोजन
इस बार भी क्लब द्वारा 108 कन्याओं को विधिवत पूजन के बाद भोजन कराया गया। कन्याओं को चावल, पूरी, सब्जी, हलवा आदि पारंपरिक प्रसाद के रूप में परोसा गया। उन्हें उपहार भी दिए गए। लोगों ने इसे सौभाग्य का कार्य बताया और कहा कि कन्या पूजन से पूरे क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
भव्य भंडारे का आयोजन
कन्या भोज के साथ-साथ भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें गांव और आसपास के हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। प्रसाद वितरण के दौरान भक्तों में काफी उत्साह देखा गया। आयोजन स्थल पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। भंडारे में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हुए और सामूहिक भोज का आनंद उठाया।
समिति ने निभाई अहम भूमिका
कार्यक्रम को सफल बनाने में माँ शेरा वाली क्लब की समिति के सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई। इसमें धर्मेंद्र विश्वकर्मा, कमलेश मद्धेशिया, विकास मद्धेशिया, रवि मद्धेशिया सहित कई अन्य लोग सक्रिय रूप से जुड़े रहे। समिति के पदाधिकारियों ने मिलकर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की और सहयोगियों के साथ मिलकर हर व्यवस्था का जिम्मा संभाला।
धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि “हम हर साल इस आयोजन को करते हैं और कोशिश रहती है कि गांव के हर व्यक्ति तक माता रानी का आशीर्वाद पहुंचे। कन्या पूजन हमारी संस्कृति की धरोहर है और इसे आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है।”
कमलेश मद्धेशिया ने बताया कि भंडारे और कन्या भोज से लोगों में भाईचारे और आपसी सहयोग की भावना मजबूत होती है। वहीं विकास मद्धेशिया और रवि मद्धेशिया ने कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजन न केवल आस्था को प्रबल करते हैं बल्कि समाज में एकजुटता भी लाते हैं।
भक्तिमय माहौल में गूंजे जयकारे
पूरे आयोजन के दौरान मां दुर्गा के भजन और जयकारे गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने माता रानी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। ढोल-नगाड़ों और देवी गीतों से वातावरण और भी मनमोहक हो गया। ग्रामीणों ने एक-दूसरे को दशहरा की शुभकामनाएं दीं।
धार्मिक और सामाजिक समन्वय का प्रतीक
इस तरह के आयोजन धार्मिक परंपरा और सामाजिक समन्वय का प्रतीक माने जाते हैं। एक ओर जहां कन्या पूजन के जरिए माता की कृपा प्राप्त करने का भाव होता है, वहीं दूसरी ओर भंडारे और सामूहिक भोज के जरिए समाज में समानता और भाईचारे का संदेश दिया जाता है। यही कारण है कि गांव के बड़े-बुजुर्गों से लेकर युवा और बच्चे तक इसमें पूरे उत्साह के साथ शामिल होते हैं।
स्थानीय लोगों ने की सराहना
गांववासियों और श्रद्धालुओं ने माँ शेरा वाली क्लब के इस प्रयास की जमकर सराहना की। उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन से न केवल धार्मिक आस्था जागृत होती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी हमारी परंपरा और संस्कृति के बारे में सीखने का अवसर मिलता है।
मलसी खास में आयोजित कन्या भोज और भंडारा केवल धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं रहा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए उत्सव का रूप ले चुका। हर वर्ष होने वाले इस आयोजन ने लोगों के बीच विश्वास और आस्था को और भी मजबूत किया है। माँ शेरा वाली क्लब के सदस्यों का मानना है कि आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और भी भव्य रूप दिया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
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