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कैबिनेट ने दी 24,634 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी, मध्य भारत में कनेक्टिविटी और क्षमता बढ़ाने पर जोर

Published on: October 8, 2025
Cabinet gave Rs 24,634 crore
द देवरिया न्यूज़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में रेलवे क्षेत्र से जुड़ा एक बड़ा निर्णय लिया गया। सरकार ने 24,634 करोड़ रुपये की लागत से चार प्रमुख रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनका उद्देश्य देश के मध्य और पश्चिमी हिस्सों में रेल कनेक्टिविटी और नेटवर्क क्षमता को सुदृढ़ बनाना है।
इन परियोजनाओं के तहत देश के महत्वपूर्ण रेल मार्गों पर तीसरी और चौथी लाइनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी, यात्रा समय घटेगा और माल परिवहन की क्षमता में भी वृद्धि होगी।
चार प्रमुख रेल परियोजनाओं को मिली हरी झंडी
स्वीकृत परियोजनाओं में शामिल हैं –
  1. वर्धा–भुसावल खंड (महाराष्ट्र) – 314 किलोमीटर लंबा यह खंड मध्य भारत के लिए एक प्रमुख माल और यात्री कॉरिडोर है। इस पर तीसरी लाइन के निर्माण से मुंबई और नागपुर के बीच यातायात का दबाव काफी कम होगा।
  2. गोंदिया–डोंगरगढ़ खंड (महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़) – 84 किलोमीटर लंबी इस लाइन से दोनों राज्यों के बीच औद्योगिक क्षेत्रों और खनन इलाकों को बेहतर रेल संपर्क मिलेगा।
  3. वडोदरा–रतलाम कॉरिडोर (गुजरात–मध्य प्रदेश) – 259 किलोमीटर लंबा यह मार्ग पश्चिमी भारत को मध्य भारत से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण ट्रैक है, जिससे गुजरात के औद्योगिक शहरों और मध्य प्रदेश के व्यापारिक केंद्रों के बीच आवाजाही आसान होगी।
  4. इटारसी–भोपाल–बीना खंड (मध्य प्रदेश) – 237 किलोमीटर लंबी इस परियोजना से राज्य की राजधानी भोपाल को केंद्रीय रेल नेटवर्क से और अधिक मजबूती मिलेगी।
18 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ
ये चारों परियोजनाएं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के कुल 18 जिलों को जोड़ेंगी। इससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 894 किलोमीटर की अतिरिक्त क्षमता जुड़ जाएगी।
परियोजना से 3,633 गांवों के लगभग 85.84 लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, सरकार ने यह भी बताया कि यह योजना दो आकांक्षी जिलों — विदिशा (मध्य प्रदेश) और राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) — में विकास को नई गति देगी।
रेलवे की दक्षता और विश्वसनीयता में सुधार
मल्टी-ट्रैकिंग की इन परियोजनाओं से रेलवे नेटवर्क पर भीड़भाड़ घटेगी, जिससे मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों की समयपालन क्षमता (पंक्चुअलिटी) में सुधार आएगा। सरकार के अनुसार, यह निवेश न केवल परिचालन दक्षता बढ़ाएगा बल्कि सेवा विश्वसनीयता में भी उल्लेखनीय सुधार करेगा।

आर्थिक और रोजगार प्रभाव

रेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इन परियोजनाओं के निर्माण चरण में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही, परियोजनाएं पूर्ण होने के बाद लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में सुधार से औद्योगिक विकास और क्षेत्रीय व्यापार को भी गति मिलेगी।

सरकार का फोकस बुनियादी ढांचे पर

मोदी सरकार लगातार रेलवे के आधुनिकीकरण और नेटवर्क विस्तार पर जोर दे रही है। पिछले कुछ वर्षों में रेलवे बजट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और नई लाइन, डबलिंग, तथा इलेक्ट्रिफिकेशन परियोजनाओं की गति बढ़ाई गई है। इन नई मंजूर परियोजनाओं से यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में रेलवे को ‘वर्ल्ड-क्लास ट्रांसपोर्ट नेटवर्क’ के रूप में विकसित करना है। कुल मिलाकर, ये चार बड़ी परियोजनाएं न केवल रेल कनेक्टिविटी को सशक्त बनाएंगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी नई दिशा देंगी।

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