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लखनऊ से रवाना हुई ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप, रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का बड़ा कदम

Published on: October 19, 2025
BrahMos left from Lucknow
द देवरिया न्यूज़ ,लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई से तैयार की गई ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ऐतिहासिक दिन न केवल उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) के लिए मील का पत्थर साबित हुआ, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी नई दिशा और ऊर्जा देने वाला बना।

भारत की ताकत का प्रतीक — ब्रह्मोस

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल विश्व की सबसे तेज और सटीक प्रहार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। इसका निर्माण भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा किया जाता है। लखनऊ की नई इंटीग्रेशन एंड टेस्ट सुविधा में यह मिसाइलें पूरी तरह स्वदेशी तकनीक के साथ तैयार की गई हैं। इस अत्याधुनिक इकाई का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 मई 2024 को किया था और अब केवल पांच महीने में उत्पादन शुरू होकर पहली खेप तैयार हो चुकी है।
राजनाथ सिंह बोले – “जीत अब हमारी आदत बन चुकी है”
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,

“आज का दिन उत्तर प्रदेश और देश की जनता के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है। लखनऊ ने रक्षा क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। मैंने पांच महीने पहले इस यूनिट का उद्घाटन किया था और आज इसकी पहली खेप रवाना कर दी गई। यह आम उपलब्धि नहीं है, यह भारत की क्षमता और आत्मविश्वास का प्रतीक है।”

उन्होंने आगे कहा,
ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया है कि जीत अब हमारी आदत बन चुकी है। भारत अब रक्षात्मक नहीं, निर्णायक भूमिका में है।”
पाकिस्तान को चेतावनी
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पाकिस्तान का नाम लिए बिना कड़ा संदेश भी दिया। उन्होंने कहा,
“दुनिया अब भारत की ताकत को स्वीकार कर चुकी है। जब भारत पाकिस्तान को जन्म दे सकता है, तो अब आगे क्या कर सकता है, यह सब जानते हैं। पाकिस्तान का हर इंच अब ब्रह्मोस की रेंज में है। ऑपरेशन सिंदूर तो बस ट्रेलर था।”
ब्रह्मोस — तीनों सेनाओं की रीढ़
रक्षा मंत्री ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल आज भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना तीनों की रीढ़ बन चुकी है। यह मिसाइल न केवल देश की सुरक्षा का मजबूत कवच है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के विजन को भी साकार करती है। उन्होंने कहा,
“जब भारत में ब्रह्मोस की बात होती है, तो हर भारतीय के चेहरे पर गर्व दिखता है। यही विश्वास हमारी असली ताकत है।”
योगी आदित्यनाथ बोले – “लखनऊ बना रक्षा नवाचार का केंद्र”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ की ब्रह्मोस इकाई ने उत्तर प्रदेश को रक्षा क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की कतार में ला खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की रीढ़ है, और लखनऊ इसका धड़कता हुआ हृदय बन चुका है।

तकनीकी प्रदर्शन और बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया और ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रदर्शन देखा। साथ ही, दोनों नेताओं ने पौधरोपण भी किया। इस अवसर पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस के महानिदेशक डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राज्य सरकार को मिलने वाले जीएसटी राजस्व का चेक भी सौंपा।
रोजगार और निवेश के नए अवसर
ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन से उत्तर प्रदेश में उच्च कौशल वाले युवाओं के लिए हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह इकाई उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे की पहली ऐसी सुविधा है जहां मिसाइल प्रणाली का निर्माण, असेंबली और परीक्षण – तीनों कार्य भारत में ही किए जा रहे हैं। इस परियोजना से न केवल राज्य में रोजगार और निवेश के नए द्वार खुलेंगे, बल्कि यह प्रदेश को तकनीकी नवाचार और रक्षा अनुसंधान का केंद्र भी बनाएगी।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक निर्णायक कदम
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि लखनऊ से रवाना हुई ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। इससे न केवल भारतीय सेना की मारक क्षमता बढ़ेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत का रक्षा निर्यात हब बनने का सपना भी साकार होगा।
“आज की यह उपलब्धि साबित करती है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आयातक नहीं, बल्कि निर्यातक राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।”

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