बरेली, 30 सितम्बर 2025। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 26 सितम्बर को हुई हिंसा के बाद हालात को नियंत्रित करने और दोषियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस और प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। इस दौरान न केवल हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, बल्कि उनके अवैध निर्माणों पर भी बुलडोज़र की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
🔹 मौलाना तौकीर रज़ा के रिश्तेदार पर शिकंजा
पुलिस ने मंगलवार को मौलाना मोहसिन रज़ा को गिरफ्तार किया। वे इस्लामिक धर्मगुरु और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा ख़ान के बड़े भाई मन्नानी मियां के दामाद हैं। मोहसिन रज़ा पर हिंसा भड़काने और दंगाइयों को समर्थन देने के आरोप हैं।
🔹 अवैध संपत्तियों पर बुलडोज़र
जिला प्रशासन ने मोहसिन रज़ा से जुड़े अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई भी शुरू की। नाले के ऊपर बनी एक गैराज को तोड़ा गया और कई अन्य अवैध ढांचों को भी चिह्नित किया गया। वहीं, उनके सहयोगी हाजी शरीफत ख़ान के स्वामित्व वाली शादी लॉन को सील कर दिया गया।
🔹 16 दंगाई गिरफ्तार, हथियार और असलहे बरामद
बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि हिंसा के दौरान पुलिस पर ईंट-पत्थर, बोतलें, एसिड और यहां तक कि फायरिंग करने वाले 16 दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने घटनास्थल से बड़ी मात्रा में पत्थर, टूटी हुई बैरिकेड्स, धारदार हथियार, खोखे और लाठियां बरामद की हैं।
🔹 सीसीटीवी और वीडियो फुटेज की जांच
एसएसपी ने कहा कि घटना से जुड़े कई वीडियो और सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण किया जा रहा है। इसमें और आरोपियों की पहचान की जाएगी और जल्द ही उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
🔹 सुरक्षा व्यवस्था और फ्लैग मार्च
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पूरे शहर और आसपास के इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस और पीएसी (Provincial Armed Constabulary) ने मंगलवार को फ्लैग मार्च किया। संवेदनशील इलाकों में ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
🔹 हिंसा की पृष्ठभूमि
26 सितम्बर को बरेली में तब हिंसा भड़क गई जब मौलाना तौकीर रज़ा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों के विरोध में प्रदर्शन का ऐलान किया था।
इसी दौरान कानपुर में ईद-ए-मिलादुन्नबी जुलूस के दौरान लगे “आई लव मोहम्मद” पोस्टर पर भी विवाद पैदा हुआ। दाईं विचारधारा वाले हिंदू संगठनों ने इसे परंपरा से हटकर बताया। इस मामले में कानपुर पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
🔹 प्रशासन का सख्त रुख
अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की हिंसा, अराजकता या अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने साफ किया है कि अवैध संपत्तियों पर बुलडोज़र कार्रवाई जारी रहेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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