द देवरिया न्यूज़ : देवरिया जिले के महुआडीह थाना क्षेत्र के तवक्कलपुर गांव में एक पुरानी रंजिश ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके चलते एक बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई। 59 वर्षीय रमाकांत यादव, जो बीते 12 अक्टूबर को हुए एक हमले में गंभीर रूप से घायल हुए थे, ने बुधवार दोपहर जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। उनकी मौत के बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल है और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
विवाद की शुरुआत
घटना की शुरुआत 12 अक्टूबर को हुई थी, जब रमाकांत यादव के घर धान कटवाने के लिए मशीन (ट्रैक्टर-ट्रॉली) पहुंची थी। इसी दौरान गांव के प्रधान पति देवेंद्र यादव से किसी बात को लेकर उनका विवाद हो गया। मामूली कहासुनी देखते ही देखते हिंसक झगड़े में बदल गई। आरोप है कि विवाद बढ़ने के बाद प्रधान पति देवेंद्र यादव अपने दो दर्जन से अधिक समर्थकों के साथ रमाकांत यादव के घर पर चढ़ आया और हमला कर दिया।
इस हमले में रमाकांत यादव के अलावा उनके परिवार के कई सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में अरविंद यादव (45), सुनीता यादव (38), गोलू यादव (14), अनु यादव (16), शालू (16) और प्रांजल (5) शामिल हैं। घटना के तुरंत बाद सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने के कारण सुनीता और गोलू यादव को लखनऊ के केजीएमयू रेफर किया गया।
दस दिनों तक जीवन-मृत्यु से संघर्ष
रमाकांत यादव की हालत शुरू से ही नाजुक बनी हुई थी। दस दिनों तक जिला अस्पताल में उनका इलाज चला, लेकिन बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। जैसे ही उनकी मौत की खबर गांव पहुंची, पूरे तवक्कलपुर गांव में मातम छा गया। परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और लोगों ने न्याय की मांग तेज कर दी।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही महुआडीह थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और गांव में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों की ओर से ग्राम प्रधान पति देवेंद्र यादव और उनके समर्थकों पर जानलेवा हमले और हत्या का आरोप लगाया गया है।
परिजनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। गांव में तनाव को देखते हुए एहतियातन पुलिस बल तैनात है और हालात पर नजर रखी जा रही है।
तवक्कलपुर गांव की यह घटना न सिर्फ ग्राम स्तर की राजनीति में गहराते टकराव को उजागर करती है, बल्कि प्रशासनिक सक्रियता और ग्रामीण स्तर पर न्याय व्यवस्था की गंभीरता को भी सवालों के घेरे में खड़ा करती है। अब देखना यह है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में कितना निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई करते हैं, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और गांव में शांति बहाल हो।
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