द देवरिया न्यूज़। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवरिया की एल्बम कलाकार अनुपमा यादव के लापता होने के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सख्त रुख अपनाते हुए देवरिया के एसपी और कोतवाली थाना प्रभारी को तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि अब तक अनुपमा की बरामदगी के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय व न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने एल्बम निर्माता सुनील यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याची पर आरोप है कि उसने 19 फरवरी 2025 को अनुपमा को नेपाल शादी की शॉपिंग के बहाने बुलाया और फिर बिहार ले गया। बाद में अनुपमा का फोन बंद हो गया और याची ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वह अब उसके साथ नहीं है।
पीड़िता की बहन सुष्मिता यादव ने आशंका जताई कि अनुपमा को या तो बेच दिया गया या उसकी हत्या कर दी गई है। सुनील यादव ने एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी है और खुद को ब्लैकमेलिंग गैंग का शिकार बताया है। याची के अधिवक्ता दिलीप पांडेय ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता पक्ष एक संगठित गैंग है, जो झूठे मुकदमे लगाकर धन उगाही करता है।
इतना ही नहीं, सुनील यादव ने विवेचना अधिकारी रिजवान अंसारी पर दो लाख 80 हजार रुपये घूस लेने का गंभीर आरोप भी लगाया है। पूरक हलफनामे में बताया गया कि दरोगा के कहने पर 40 हजार रुपये फोन पे से और बाकी 2.40 लाख रुपये नकद दिए गए। कोर्ट ने इस आरोप को अत्यंत गंभीर मानते हुए एसपी के देवरिया को इसकी जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस बीच आरोपी की गिरफ्तारी पर लगी रोक 21 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है।