नई दिल्ली। अहमदाबाद में हुए विमान हादसे पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी होने के बाद अब एअर इंडिया ने भी आधिकारिक बयान जारी किया है। एयरलाइन ने कहा है कि वह नियामकों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर जांच में पूरा सहयोग कर रही है।
AAIB ने शुक्रवार देर रात हादसे की 15 पन्नों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की थी, जिसमें बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में उड़ान भरते ही दोनों इंजन बंद हो जाने की बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईंधन नियंत्रण स्विच अचानक CUTOFF मोड में चले गए, जिससे ईंधन आपूर्ति रुक गई और थ्रस्ट तेजी से घट गया।
एअर इंडिया का बयान
शनिवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से एअर इंडिया ने बताया कि उसे AAIB की रिपोर्ट 12 जुलाई को प्राप्त हुई है। एयरलाइन ने कहा, “हम नियामकों और सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और जांच में हर संभव सहयोग कर रहे हैं।”
कॉकपिट रिकॉर्डर में मिले चौंकाने वाले संवाद
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर में एक पायलट दूसरे से पूछता है, “तुमने ईंधन क्यों बंद कर दिया?” जिसके जवाब में दूसरा कहता है, “मैंने नहीं किया।” हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि यह संवाद किस पायलट के द्वारा कहा गया और किसने आपातकालीन “मेडे, मेडे, मेडे” संदेश प्रसारित किया।
हादसे के अन्य मुख्य बिंदु:
विमान हादसे में 260 लोगों की मौत हुई, केवल एक यात्री की जान बच सकी।
टेकऑफ के 32 सेकंड बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
रिपोर्ट में कहा गया कि ईंधन शुद्ध था और उसमें किसी प्रकार का संदूषण नहीं पाया गया।
कोई मौसम संबंधी बाधा या पक्षी की टक्कर नहीं हुई थी।
पायलट अनुभवी थे और उनकी मेडिकल रिपोर्ट भी सामान्य थी।
किसी भी तरह की तोड़फोड़ के सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन FAA की एक पुरानी चेतावनी में ईंधन स्विच में संभावित तकनीकी खराबी की बात कही गई थी।
फ्लाइट कंट्रोल्स, फ्लैप सेटिंग, और गियर पोजिशन सामान्य पाई गई।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एअर इंडिया द्वारा कुछ तकनीकी निरीक्षण नहीं किए गए थे, जिन पर अब नियामकों की नजर है।
निष्कर्ष:
AAIB की रिपोर्ट ने अहमदाबाद विमान हादसे में संभावित तकनीकी विफलता की ओर इशारा किया है, जबकि एअर इंडिया ने भरोसा दिलाया है कि वह जांच में पूर्ण सहयोग दे रही है। अब आगे की विस्तृत जांच में यह स्पष्ट होगा कि दुर्घटना के पीछे तकनीकी कारण जिम्मेदार थे या मानवीय चूक।
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