देवरिया ज़िले में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति तिथि में गड़बड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। सदर ब्लॉक की शिक्षिका शशिबाला वर्मा को सेवानिवृत्ति के आठ माह बाद तक वेतन भुगतान किए जाने की घटना से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के निर्देश पर सीडीओ की अगुवाई में जांच कमेटी गठित कर दी गई है, जो अन्य शिक्षकों के दस्तावेज़ों की भी गहन जांच कर रही है।
प्रमुख मामला:
कंपोजिट विद्यालय बढ़या बुजुर्ग की शिक्षिका शशिबाला वर्मा को 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन मानव संपदा पोर्टल पर तिथि गलती से 31 मार्च 2025 दर्ज थी। इसी वजह से शिक्षिका ने अक्टूबर 2024 तक पढ़ाया और करीब 7.26 लाख रुपये का वेतन प्राप्त किया। मामले के सामने आने के बाद उन्होंने राशि तो सरकारी कोष में जमा कर दी, लेकिन कार्रवाई नोटिस तक ही सीमित रह गई।
जांच में सामने आए तथ्य:
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सीडीओ प्रत्यूष पांडेय के नेतृत्व वाली समिति की जांच में 6 से 7 अन्य शिक्षकों की सेवानिवृत्ति तिथि में भी गड़बड़ी सामने आई है।
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अधिकारियों का मानना है कि यदि पूरी जिले में जांच की जाए तो और भी मामले उजागर हो सकते हैं।
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पोस्टिंग और स्थानांतरण से जुड़ी अनियमितताओं की भी पड़ताल की जा रही है।
राजनीतिक विवाद और बीएसए पर आरोप:
बरहज विधायक दीपक मिश्र ने दिशा की बैठक में बीएसए शालिनी श्रीवास्तव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने लापरवाही बरती है। आरोपों के बाद मामला डीएम के संज्ञान में पहुंचा, जिसके बाद जांच तेज कर दी गई।
स्थानांतरण विवाद भी आया सामने:
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सदर बीआरसी के सहायक लेखाकार बृजेश मणि और बैतालपुर स्थानांतरित दिवाकर मिश्र ने स्थानांतरण आदेश के बावजूद चार्ज नहीं लिया।
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दोनों ने पारस्परिक स्थानांतरण के लिए संयुक्त पत्र भी दिया, जिसे बीएसए ने वित्तीय अनियमितता का हवाला देकर अस्वीकार कर दिया।
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मंगलवार को सदर बीआरसी कार्यालय में अलमीरा का ताला तोड़कर रिकॉर्ड कब्जे में लिए गए और जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ी।
जांच में शामिल अधिकारी:
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सीडीओ प्रत्यूष पांडेय
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वरिष्ठ कोषाधिकारी अतुल पांडेय
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डीआईओएस शिव नारायण सिंह
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एएसडीएम अवधेश निगम
कमेटी से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि जांच तेजी से चल रही है और रिपोर्ट जल्द ही जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। सेवानिवृत्ति और वेतन भुगतान में हुई गड़बड़ियों के कारण कई अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
मुख्य बिंदु:
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शिक्षिका को सेवानिवृत्ति के 8 माह बाद तक वेतन
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7.26 लाख की धनराशि बाद में की गई जमा
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6–7 अन्य शिक्षकों की तिथियों में गड़बड़ी
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बीएसए पर लापरवाही के आरोप
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स्थानांतरण आदेशों की अनदेखी और दस्तावेज कब्जे में
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