नई दिल्ली। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की उड़ान AI-171 हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा शुक्रवार देर रात जारी की गई 15 पृष्ठों की रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के दोनों इंजन उड़ान भरने के महज 3 सेकंड बाद ही ईंधन आपूर्ति रुक जाने के कारण बंद हो गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्यूल कंट्रोल स्विच एक के बाद एक RUN से CUTOFF पर चले गए, जिससे इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया। इसके चलते विमान की थ्रस्ट अचानक कम हुई और वह तेजी से नीचे गिरने लगा।
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विमान से किसी भी पक्षी के टकराने के कोई सबूत नहीं मिले, और न ही मौसम की कोई समस्या थी। आसमान साफ था, दृश्यता अच्छी थी और हल्की हवाएं चल रही थीं।
पायलटों के बीच संवाद हुआ रिकॉर्ड
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से मिली जानकारी के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?”, जिस पर जवाब आया, “मैंने नहीं किया।” यह संवाद इस गंभीर स्थिति में संभावित मानवीय भ्रम या तकनीकी खराबी की ओर इशारा करता है। हालांकि, रिकॉर्डिंग से यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि संवाद में कौन कप्तान था और कौन सह-पायलट।
हादसे के वक्त की स्थिति
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विमान उड़ान भरने के सिर्फ 32 सेकंड तक ही हवा में रहा।
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वह रनवे से मात्र 0.9 नॉटिकल मील दूर एक हॉस्टल पर गिरा।
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विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई, जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया।
तकनीकी प्रणाली ने क्या दर्शाया?
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RAM Air Turbine (RAT) – एक आपातकालीन प्रोपेलर – स्वतः सक्रिय हो गया, जो पुष्टि करता है कि इंजनों की शक्ति अचानक समाप्त हो गई थी।
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थ्रस्ट लीवर निष्क्रिय अवस्था में मिले, लेकिन ब्लैक बॉक्स डेटा से पता चला कि टेकऑफ थ्रस्ट सक्रिय था, जो सिस्टम के डिस्कनेक्ट या खराबी की ओर इशारा करता है।
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फ्यूल परीक्षण पूरी तरह साफ निकला, ईंधन में कोई संदूषण या मिलावट नहीं पाई गई।
‘फ्यूल कंट्रोल स्विच’ कैसे काम करते हैं?
बोइंग 787 में ये स्विच इंजनों को चालू या बंद करने के लिए होते हैं। ये ब्रैकेट और मेटल लॉक से सुरक्षित होते हैं ताकि वे गलती से हिल न जाएं। इन्हें ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पर ले जाने से संबंधित इंजन की ईंधन आपूर्ति तत्काल रुक जाती है।
क्या थी संभावित खामी?
अमेरिकी विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन काक्स ने कहा कि “कोई भी पायलट गलती से इन स्विच को नहीं हिला सकता।” FAA की एक पुरानी चेतावनी के अनुसार इन स्विच में संभावित खराबी हो सकती थी, लेकिन एयर इंडिया ने इसकी जांच नहीं की थी।
सरकार की प्रतिक्रिया
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा कि, “मंत्रालय पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर रहा है। यह AAIB की जिम्मेदारी है और वह अपनी जांच पूरी निष्पक्षता से कर रही है।”
रिपोर्ट का निष्कर्ष
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पक्षी टकराव या मौसम कोई कारण नहीं।
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पायलट medically fit और अनुभवी थे।
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विमान का भार व संतुलन तय सीमा में था।
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कोई खतरनाक माल भी लदा नहीं था।
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जांच में तोड़फोड़ के कोई सबूत नहीं मिले।
निष्कर्ष:
एयर इंडिया-171 की दुर्घटना में पक्षी टकराव की संभावना पूरी तरह खारिज हो गई है। अब जांच का फोकस इस बात पर है कि आखिर उड़ान के तुरंत बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच कैसे CUTOFF हो गए — यह तकनीकी खराबी थी या मानवीय भूल? AAIB की अगली रिपोर्ट इस रहस्य से पर्दा उठा सकती है।
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