ट्रेंडिंग न्यूज़ देवरिया न्यूज़ उत्तर प्रदेश न्यूज़ राष्ट्रीय न्यूज़ अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ राजनीतिक न्यूज़ अपराधिक न्यूज़ स्पोर्ट्स न्यूज़ एंटरटेनमेंट न्यूज़ बिज़नस न्यूज़ टेक्नोलॉजी अपडेट लेटेस्ट गैजेट अपडेट मौसम
Breaking News
---Advertisement---

गांवों की गंदगी और साहबों की चाकरी में उलझे सफाईकर्मी, स्वच्छ भारत मिशन पर सवाल

Published on: July 3, 2025
गांवों की गंदगी और
---Advertisement---

देवरिया ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा देखा गया स्वच्छ और स्वस्थ भारत का सपना देवरिया में अधूरा नजर आ रहा है। इसका बड़ा कारण है — सफाईकर्मियों का अपने मूल कार्यों से भटकाव और उनकी तैनाती का दुरुपयोग। पंचायतों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के बजाय ये सफाईकर्मी ‘साहबों की सेवा’ में जुटे हैं।

🔹 मुख्य बिंदु (HighLights):

  • सैकड़ों सफाईकर्मी मूल कार्य छोड़ कर अन्य विभागों में तैनात।
    कुछ गाड़ियों के ड्राइवर बन गए हैं, तो कुछ दफ्तरों में बाबू का काम कर रहे हैं।

  • जिले में 1121 ग्राम पंचायतें और 2122 सफाईकर्मी हैं, फिर भी गांवों में गंदगी फैली है।

  • गोशालाओं से लेकर ब्लॉक कार्यालय और शिक्षा विभाग तक में तैनात सफाईकर्मी।
    पंचायती राज विभाग की स्वच्छता व्यवस्था इन तैनातियों के चलते चरमराई हुई है।

स्वच्छता की असली ज़िम्मेदारी जिनके कंधों पर थी, वे या तो किसी अधिकारी की गाड़ी चला रहे हैं या फिर सरकारी दफ्तरों में चाय-पानी की सेवा में लगे हुए हैं। कुछ सफाईकर्मी ब्लॉक कार्यालयों और शिक्षा विभागों में बाबू की भूमिका निभा रहे हैं। वहीं, कुछ से गोशालाओं में काम लिया जा रहा है।

देवरिया में 1121 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें स्वच्छता का काम करने के लिए 2122 सफाईकर्मी तैनात हैं, फिर भी ज़मीनी हकीकत यह है कि गांवों में गंदगी का अंबार है। सवाल यह उठता है कि जब गांवों में गंदगी है और सफाईकर्मी हैं भी, तो फिर स्वच्छता क्यों नहीं दिख रही?

जनता का सवाल और प्रशासन की चुप्पी:
ग्रामीण इलाकों में लोग बदबू और गंदगी से परेशान हैं, लेकिन अफसरों की सुविधा के लिए तैनात सफाईकर्मियों की वापसी पर कोई गंभीर प्रयास नहीं हो रहे। इससे न सिर्फ शासन की मंशा पर प्रश्नचिह्न लगता है, बल्कि स्वच्छ भारत अभियान की जमीनी हकीकत भी उजागर होती है।

निष्कर्ष:
जब तक सफाईकर्मियों को उनकी मूल ड्यूटी पर तैनात नहीं किया जाएगा और जिम्मेदारी तय नहीं होगी, तब तक स्वच्छ भारत का सपना केवल एक प्रचार मात्र बनकर रह जाएगा। अब ज़रूरत है जवाबदेही तय करने की और व्यवस्था में सुधार लाने की।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment