नई दिल्ली ! भारतीय क्रिकेट के सबसे शांत और सूझबूझ वाले कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) अब अपने लोकप्रिय उपनाम ‘कैप्टन कूल’ (Captain Cool) को कानूनी रूप से ट्रेडमार्क कराने की तैयारी में हैं। यदि उनका आवेदन मंजूर होता है, तो इस शब्द का किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा व्यवसायिक उपयोग प्रतिबंधित हो जाएगा — खासतौर से कोचिंग और ट्रेनिंग सेंटर जैसे क्षेत्रों में।
🔹 5 जून को हुआ आवेदन, धारा 11(1) बनी बाधा
धोनी ने 5 जून 2025 को ट्रेडमार्क रजिस्ट्री पोर्टल के ज़रिए अपना आवेदन जमा किया। उनका उद्देश्य है कि कोचिंग संस्थानों और स्पोर्ट्स ट्रेनिंग ब्रांड्स में ‘कैप्टन कूल’ का विशेष उपयोग अधिकार उन्हें मिले।
हालांकि शुरुआती चरण में इस आवेदन को ट्रेड मार्क्स अधिनियम की धारा 11(1) के तहत बाधा का सामना करना पड़ा क्योंकि यह शब्द पहले से रजिस्टर्ड किसी अन्य ट्रेडमार्क से मेल खाता है, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति बन सकती है।
🔹 वकीलों की दलील: नाम जनता की भावनाओं से जुड़ा
धोनी के वकीलों ने तर्क दिया कि ‘कैप्टन कूल’ केवल एक शब्द नहीं बल्कि ब्रांड वैल्यू है, जो सालों से धोनी के व्यक्तित्व से जुड़ी हुई है। यह नाम मीडिया, प्रशंसकों और विज्ञापन जगत में व्यापक रूप से उपयोग में लाया गया है और इसे एमएस धोनी की पहचान के रूप में देखा जाता है।
🔹 क्यों धोनी कहलाए ‘कैप्टन कूल’?
धोनी को यह उपनाम उनकी कप्तानी के दौरान मिला, जब वे सबसे दबाव वाले मौकों पर भी शांत चित्त बने रहते थे। उन्होंने मैदान पर कई ऐसे निर्णय लिए जिन्होंने उन्हें भारतीय क्रिकेट का सबसे विश्वसनीय नेता बना दिया। आइए देखें, वह 5 मौके जो उन्हें ‘कैप्टन कूल’ साबित करते हैं:
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2007 टी-20 वर्ल्ड कप: पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में अंतिम ओवर जोगिंदर शर्मा को देकर जीत दिलाई।
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2011 वर्ल्ड कप: युवराज से पहले खुद बैटिंग करने उतरे, 91 नाबाद रन बनाकर भारत को चैंपियन बनाया।
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2012 ऑस्ट्रेलिया दौरा: 4-0 की हार पर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शांत और संतुलित प्रतिक्रिया दी।
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2016 टी-20 वर्ल्ड कप: बांग्लादेश के खिलाफ ग्लव्स उतारकर रनआउट कर भारत को जीत दिलाई।
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2018 IPL: CSK को बैन के बाद वापस लाकर चैंपियन बनाया, आलोचनाओं का जवाब प्रदर्शन से दिया।
🔹 हाल ही में मिला ICC हॉल ऑफ फेम सम्मान
धोनी को 10 जून 2025 को ICC हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया, जिससे वे यह सम्मान पाने वाले 11वें भारतीय खिलाड़ी बने।
इस मौके पर उन्होंने कहा था:
“हॉल ऑफ फेम में नाम जुड़ना मेरे लिए एक अभूतपूर्व सम्मान है। ये पल हमेशा मेरे दिल के करीब रहेगा।”
📌 निष्कर्ष:
‘कैप्टन कूल’ अब सिर्फ एक उपनाम नहीं, बल्कि एक ब्रांड बन चुका है। यदि एमएस धोनी को इसका ट्रेडमार्क राइट मिल जाता है, तो यह उनके व्यक्तिगत ब्रांड पोर्टफोलियो को और मजबूत करेगा, खासकर जब वे कोचिंग, प्रशिक्षण और विज्ञापन क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
यह पहल उनके क्रिकेट करियर के बाद के व्यावसायिक सफर की नई शुरुआत मानी जा सकती है।
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