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बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव के वक्फ कानून बयान पर भाजपा का पलटवार: आरक्षण और संविधान को लेकर बढ़ा सियासी तनाव

Published on: June 30, 2025
बिहार चुनाव से पहले
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले संविधान और आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से राजनीतिक बहस के केंद्र में आ गया है। राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा वक्फ संशोधन अधिनियम को “कूड़ेदान में फेंकने” वाले बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे संविधान का अपमान बताते हुए राजद और सपा पर वोटबैंक की राजनीति के लिए दलितों और पिछड़ों के अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया है।


🔹 भाजपा का आरोप: “संविधान और न्यायपालिका का हो रहा अनादर”

सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

“राजद-सपा जैसे दलों ने समाजवाद को ‘नमाजवाद’ में बदल दिया है और मुल्ला-मौलवियों के आगे नतमस्तक हो चुके हैं। ये दल संविधान और न्यायपालिका के आदेशों की लगातार उपेक्षा कर रहे हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि इन दलों की नीयत तेलंगाना और कर्नाटक की तरह बिहार में भी दलितों और पिछड़ों को आरक्षण से वंचित करने की है।


🔹 वक्फ संशोधन कानून को लेकर राजनीतिक उबाल

भाजपा का कहना है कि तेजस्वी यादव का बयान यह संकेत देता है कि विपक्ष धार्मिक ध्रुवीकरण और मुस्लिम appeasement की राजनीति को आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दों से जोड़कर संवैधानिक मर्यादाओं को नुकसान पहुंचा रहा है।

हाल ही में, भाजपा ने आपातकाल की वर्षगांठ को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया था और अब वह तेजस्वी यादव के बयान को उसी कड़ी में जोड़ रही है। पार्टी का मानना है कि विपक्ष संविधान की भावना के साथ खिलवाड़ कर रहा है।


🔹 भाजपा बना सकती है बड़ा चुनावी मुद्दा

संविधान, आरक्षण और वक्फ जैसे संवेदनशील विषयों को लेकर उठे ताजा विवाद से यह साफ है कि भाजपा आने वाले दिनों में इन मुद्दों को चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा बना सकती है। यह मुद्दा न केवल राजद पर सीधा हमला है, बल्कि राज्य में समाजिक समीकरणों को प्रभावित करने का प्रयास भी माना जा रहा है।


📌 निष्कर्ष:
तेजस्वी यादव के बयान से शुरू हुई बहस अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में बदल चुकी है। भाजपा इसे संविधान और सामाजिक न्याय के खिलाफ साजिश करार दे रही है, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक हथकंडा बता सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा निश्चित ही गर्म बहस का विषय बनने जा रहा है।

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